क्या बजट पेश होने के बाद रेल का किराया होगा कम पढ़ीये ये खबर

खबरें अभी तक।गुरूवार को मोदी सरकार का आखिरी बजट पेश किया जाएगा. यात्री सुविधाओं में बढ़ोतरी और अवसंरचना में बड़े निवेश पर जोर दिए जाने की उम्मीद है.

बजट में रेल किराये में बढ़ोतरी या नई ट्रेनों की घोषणा की उम्मीद नहीं है. चालू वित्त वर्ष के 96 फीसदी के मुकाबले अगले वित्त वर्ष में 95 फीसदी परिचालन अनुपात (ओआर) रहने की उम्मीद है.

रेलवे की वित्तीय हालत का पता उसके ओआर से तय होता है. इससे पता चलता है कि रेलवे एक रुपये की कमाई करने के लिए कितना खर्च करती है. अगर ओआर 90 फीसदी है, तो इसका मतलब है कि रेलवे एक रुपये की कमाई करने के लिए 90 पैसा खर्च कर रही है.

इलेक्ट्रिक इंजनों की मांग को पूरा करने के लिए कदम

आगामी वर्षों में इलेक्ट्रिक इंजनों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए रेलवे वाराणसी के डीजल लोकोमोटिव वर्क्‍स (डीएलडब्ल्यू) और पाटियाला के डीजल कंपोनेंट वर्क्‍स (डीसीडब्ल्यू) में इलेक्ट्रिक इंजनों के निर्माण का प्रावधान किया जा सकता है.

रेलवे के आधुनिकीकरण के लिए 95 हजार करोड़ का प्रावधान

रेलने ने सभी मार्गों का विद्युतीकरण करने का फैसला किया है और वह डीजल इंजनों को धीरे-धीरे बाहर कर रही है. इसलिए बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक इंजनों की जरूरत है. बजट में रेलवे के आधुनिकीकरण के लिए 95 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किए जाने की उम्मीद है, जिसमें सिग्नलों का ऑटोमेशन और पुरानी पटरियों को बदलना भी शामिल है.

मध्यम वर्ग को करों का बोझ कम होने की आस

मध्यम वर्ग को इस बजट से करों का बोझ हल्का होने की अपेक्षाएं हैं. सरकार द्वारा राजकोषीय घाटे को रोकने के लिए किए जा रहे उपायों को जारी रखने की उम्मीद है. बजट में रेलवे के लिए योजनागत आवंटन को 1.31 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1.46 लाख करोड़ रुपये करने की उम्मीद है. साथ ही सकल बजटीय समर्थन (जीबीएस) करीब 65 हजार करोड़ रुपये रहने की उम्मीद है, जबकि वित्त वर्ष 2017-18 में यह 55 हजार करोड़ रुपये थी.

संसाधनों से लैस होंगे रेलवे स्टेशन

रेलमंत्री पीयूष गोयल ने कई बार कहा कि रेलवे को सकल बजट सहायता यानी Gross Budgetary Support (GBS) पर निर्भर नहीं रहना चाहिए और अपने आंतरिक संसाधनों व बाजार से धन उपार्जित करना चाहिए. वित्त वर्ष 2018-19 के बजट में सभी 11 हजार ट्रेनों में सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए तीन हजार करोड़ रुपये का प्रावधान हो सकता है, जिसमें रेलवे के सभी 8,500 स्टेशन भी शामिल होंगे. बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए इस बजट में देश भर के सभी प्रमुख शहरी और उपशहरी स्टेशनों पर तीन हजार एस्केलेटर और एक हजार लिफ्ट लगाने का प्रावधान भी किया जा सकता है.