पद्मावत को लेकर राजपूत समाज की महिलाएं भी ले रही है विरोध में हिस्सा

खबरें अभी तक। फिल्म पद्मावत के रिलीज के विरोध में मंगलवार को राजपूत समाज सहित हिन्दू संगठनों ने कलेक्टोरेट का घेराव कर दिया। दोपहर 12 बजे आए प्रदर्शनकारी दोपहर तीन बजे तक कलेक्टोरेट का गेट पर बैठे रहे, जिससे यहां आने वाले लोगों को दिक्कत हुई। ऐसे में जनसुनवाई में आवेदन देने वाले कई लोग अंदर नहीं जा सके। कलेक्टोरेट में धरना प्रदर्शन के बाद कलेक्टर को फिल्म रिलीज नहीं करने की मांग का ज्ञापन सौंपा। करीब 4 घंटे तक कलेक्टोरेट के मुख्य गेट पर हंगामा होता रहा।

प्रदर्शनकारियों का गुस्सा शांत नहीं हुआ तो उन्होंने चक्काजाम कर दिया। हालांकि कुछ देर बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को समझाइश देकर हटाया। दरअसल, 25 जनवरी को देशभर में रिलीज होने वाली संजय लीला भंसाली की फिल्म पदमावत को लेकर राजधानी में फिल्म को लेकर विरोध प्रदर्शन का सिलसिला तेज हो गया है। इसको लेकर मंगलवार को करणी सेना, राजपूत समाज, संस्कृति बचाओ मंच, हिन्दू युवा वाहिनी, बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने दोपहर 12 बजे कलेक्टोरेट पहुंचकर प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कलेक्टर को बुलाने की मांग रखी, लेकिन कलेक्टर के बाहर होने की वजह से यह लोग कलेक्टोरेट के गेट पर बैठ गए।

4 थानों का बल बुलाना पड़ा-

प्रदर्शनकारियों के गुस्से को देखकर कोहेफिजा,शाहजहांनाबाद, हनुमानगंज, तलैया थाने से पुलिस बल बुलाकर प्रदर्शनकारियों को हटाया गया। इस दौरान फिल्म के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली का पुतला जलाया। राजपूत समाज के अलावा ब्राह्मण समाज, कायस्थ समाज ने भी फिल्म का प्रदर्शन रोकने की मांग की है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों में फिल्म की रिलीज की अनुमति दे दी है, 25 जनवरी को रिलीज होने जा रही फिल्म के दिन हिंसा हो सकती है। एक दिन पहले ही शिवसेना ने फिल्म की एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण को लेकर आपत्तिजनक पोस्टर बोर्ड आफिस चौराहा पर लगाया है।

हिंदू संगठनों की धमकी फिल्म रिलीज हुई तो ठीक नहीं होगा-

फिल्म लगी तो ठीक नहीं होगा अगर फिल्म का प्रदर्शन किया गया, तो सिनेमा तोड़फोड़ की जिम्मेदारी पुलिस और प्रशासन की होगी। दौलत सिंह चौहान, अध्यक्ष करणी सेना