डेटा चोरी प्रकरण के बाद फेसबुक से अपनी साझेदारी पर विचार करेगा चुनाव आयोग

वैश्विक स्तर पर फेसबुक के डेटा में सेंध लगने के बाद भारतीय चुनाव आयोग ने फेसबुक के साथ अपने संबंधों की समीक्षा के संकेत दिए हैं. मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि युवा वोटरों को प्रोत्साहित करने के लिए फेसबुक के साथ अपनी पार्टनरशिप पर आयोग जल्द ही विचार करेगा.

इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में गुरुवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि इस मामले पर आयोग की बैठक में व्यापक रूप से चर्चा होगी. उन्होंने संकेत दिया कि मामले पर आयोग की बैठक शुक्रवार या अगले सप्ताह की शुरुआत में हो सकती है.

जब पूछा गया कि क्या फेसबुक से डाटा चुकाकर वोटरों को मनोवैज्ञानिक तौर पर प्रभावित करने के लिए ऐसा किया जा रहा है, तो रावत ने कहा कि निश्चित रूप से ऐसा हो रहा है. पब्लिक ओपिनियन को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है. ये हमें चिंतित करने वाला है और हम इस पर विचार करेंगे.

पिछले साल कम से कम तीन मौकों पर चुनाव आयोग ने फेसबुक के साथ पार्टनरशिप की थी. आयोग की कोशिश नौजवानों को वोटर के रूप में रजिस्टर कराने के लिए प्रोत्साहित करना था.

पिछले साल, इसी तरह की एक पार्टनरशिप के तहत फेसबुक नए वोटर के रूप रजिस्ट्रेशन कराने के लिए युवाओं को 13 भाषाओं में रिमांइडर भेजता था. फेसबुक ने जुलाई 2017 में चार दिनों (1 से 4 के बीच) के लिए ये कैंपेन चलाया था. उस समय नसीम जैदी मुख्य चुनाव आयुक्त थे.

कुछ महीने बाद, जब एके ज्योति आयोग के प्रमुख बने, तो इस तरह का एक और कैंपेन चलाया गया. इस कैंपेन के तहत 18 साल पूरे करने जा रहे भारत के युवाओं को चुनाव आयोग की तरफ से फेसबुक ने अपने यूजर्स को बर्थडे विश किया. इसके साथ ही सभी से अपील की गई थी कि वे खुद को एक वोटर के तौर पर रजिस्टर कराएं.

चुनाव आयोग की फेसबुक के साथ सबसे ताजा साझेदारी इस साल जनवरी में हुई. आयोग ने नेशनल वोटर डे के दिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक फीचर जारी करवाया. 25 जनवरी को रावत ने अपने बयान में कहा, ‘8वें राष्ट्रीय वोटर डे के मौके पर चुनाव आयोग फेसबुक के साथ भागीदारी करके खुशी महसूस कर रहा है. आइए स्वतंत्र, निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और भागीदारी से भरे अपने चुनावों के प्रति प्रतिबद्धता को नया आयाम दें.’

बता दें कि फेसबुक के साथ चुनाव आयोग की साझेदारी की समीक्षा का बयान आयोग की तरफ से कानून मंत्री के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर फेसबुक ने भारत के चुनावों में किसी तरह हस्तक्षेप करने की कोशिश की, तो केंद्र सरकार कड़ा एक्शन लेगी. यहां तक कि फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग को भी समन कर सकती है.

फेसबुक के डाटा चोरी मामले ने वैश्विक स्तर पर भूचाल खड़ा कर दिया है. अमेरिका, जर्मनी, कनाडा सहित तमाम देशों ने डाटा के दुरुपयोग को लेकर जांच शुरू कर दी है. ताकि यह पता लगाया जा सके कि फेसबुक ने किसी प्राइवेसी का उल्लंघन तो नहीं किया है.