सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल के संरक्षण पर उप्र से विजन दस्तावेज मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को ताजमहल के संरक्षण एवं सुरक्षा और ताज क्षेत्र में पर्यावरण पर विजन दस्तावेज पेश करने को कहा है। राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि वह विजन दस्तावेज पर काम कर रही है जिससे 17वीं सदी के स्मारक के संरक्षण और रक्षा में मदद मिल सकेगी।

मदन बी. लोकुर, कुरियन जोसफ और दीपक गुप्ता की पीठ से उत्तर प्रदेश सरकार ने विजन दस्तावेज पर काम पूरा करने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा है। पीठ ने कहा कि शहर में जलापूर्ति के लिए पाइप लाइन बिछाने में 234 पेड़ों के काटने के मुद्दे की देखरेख केंद्रीय अधिकारिक समिति करेगी। राज्य सरकार के वकील ने कहा कि 130 किलोमीटर में से 122 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाई जा चुकी है। शेष आठ किलोमीटर पाइप लाइन बिछाने के लिए अधिकारियों को 234 पेड़ों को काटना होगा। टटीजेड ने इसकी इजाजत दे दी है।

आठ फरवरी को शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार को ताजमहल के संरक्षण और सुरक्षा के लिए विजन दस्तावेज पेश करने को कहा था। टीटीजेड 10,400 किलोमीटर में फैला हुआ है। इस क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, हाथरस और एटा जिलों के अलावा राजस्थान का भरतपुर जिला आता है। यह सवाल उठा कि आखिर चमड़ा उद्योग और होटल टीटीजेड में आते हैं जबकि पहले इन गतिविधियों पर लोग लगाई जा चुकी है।