देश में कुल कोयला भंडार का 18 फीसद छत्तीसगढ़ में, जल्द ही बनेगा कॉमर्शियल कोल माइनिंग

खनिज प्रदेश के नाम से विख्यात छत्तीसगढ़ की चालीस से अधिक कोयला खदानें कॉमर्शियल (वाणिज्यिक) माइनिंग के लिए खुल सकती हैं। हालांकि इसको लेकर अभी आधिकारिक तौर पर कोई कवायद शुरू नहीं हुई है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि छह महीने के भीतर इसकी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

देश के कुल कोयला भंडार का तकरीबन 18 फीसदी हिस्सा छत्तीसगढ़ की जमीन में दबा है। राज्य में केंद्र सरकार के सर्वेक्षण के बाद 222 कोयला ब्लॉक की पहचान की गई है। यह कोल ब्लॉक हसदेव अरण्य, मांड रायगढ़, सोनहत, लखनपुर और सोहागपुर में हैं।

पहले चरण में तकरीबन चार दर्जन से खदानों को कामर्शियल माइनिंग के लिए खोजा जा सकता है। जिन खदानों को मंजूरी मिल सकती है उनमें वे 44 खदानें शामिल हैं, जिनका आवंटन संयळ्क्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में हुए कोयला घोटाले के कारण निरस्त कर दिया गया था। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने कोयला खदनों को निजी कामर्शियल माइनिंग के लिए खोलने की अनुमति दे दी है।