अमेरिकी सामानों पर टैक्स कम न किया तो भुगतना होगा

खबरें अभी तक। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और चीन को धमकी दी है कि अगर अमेरिकी सामानों पर टैक्स कम नहीं किया गया तो वे भी उतना ही टैक्स लगाएंगे. ट्रंप ने कहा कि अमेरिका दूसरे देशों से आयातित समानों पर बहुत कम टैक्स लगाता है, लेकिन दूसरे देश हमारे सामानों पर ज्यादा टैक्स लगाते हैं. ट्रंप ने धमकी भरे लहजे में कहा कि दूसरे देश टैक्स कम नहीं करेंगे तो हम भी जवाबी टैक्स लगाएंगे.

कई बार ट्रंप उठा चुके हैं मुद्दा

बीते कुछ समय में ट्रंप ने कई बार अमेरिका से आयातित महंगी मोटरसाइकिल हार्ले डेविडसन पर करीब 50 प्रतिशत शुल्क लगाने का मुद्दा उठाया है. उन्होंने बार-बार जोर दिया कि अमेरिका भारत से आयातित मोटरसाइकिल पर शून्य शुल्क लगाता है. ट्रंप ने कहा कि हम किसी न किसी समय जवाबी कर योजना अपनाएंगे. अगर चीन हम पर 25 प्रतिशत कर लगाता है या भारत 75 प्रतिशत शुल्क लगाता है, और हम उन पर कोई शुल्क नहीं लगाते. उन्होंने इस्पात पर 25 प्रतिशत तथा एल्युमीनियम पर 10 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया है.

निष्पक्ष व्यवहार न करने का लगाया आरोप

ट्रंप ने कहा कि अगर वे 50 प्रतिशत या 75 प्रतिशत या फिर 25 प्रतिशत कर लगाते हैं तो  हम भी उतना ही कर लगाएंगे. इसे जवाबी कर कहते हैं. इस तरह वे हम पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाते हैं तो हम भी उन पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाएंगे. उन्होंने कहा कि उनके प्रशासन के पहले साल में ही जवाबी कर का मंच तैयार हो गया था. ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी कंपनियों के साथ अन्य देश निष्पक्ष व्यवहार नहीं करते हैं.

चीनी कारों पर हम लगाते हैं सिर्फ 2.2% टैक्स

उन्होंने टेस्ला के प्रमुख एलन मस्क के ट्वीट का जिक्र करते हुए कहा कि चीन अमेरिकी कारों पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाता है जबकि आयातित चीनी कारों पर हम केवल 2.5 प्रतिशत शुल्क लगाते हैं. ट्रंप ने कहा कि जवाबी कर कार्यक्रम से अमेरिका के लिये निष्पक्ष व्यापार सौदा सुनिश्चित होगा.

स्टील और एल्युमीनियम पर लगा दी टैरिफ ड्यूटी

इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पूरी दुनिया की ट्रेड वॉर को लेकर जताई गई आशंका को दरकिनार करते हुए स्टील और एल्युमीनियम पर टैरिफ ड्यूटी लगा दी है. उन्होंने गुरुवार को इस संबंध में हुई घोषणा पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. घोषणा के मुताबिक उन्होंने स्टील आयात पर 25 फीसदी और एल्युमीनियम आयात  पर 10 फीसदी की ड्यूटी लगाई गई है.  ये इंपोर्ट टैरिफ 15 दिनों के भीतर प्रभावी हो जाएंगे.

ट्रंप के इस फैसले के बाद दुनियाभर में चिंता का माहौल पसर गया है. इससे ट्रेड वॉर की आशंका बढ़ गई है. चीन ने इसका पुरजोर विरोध किया है. चीन पहले ही कह चुका है कि ट्रेड वॉर कभी भी फायदेमंद नहीं होता. फ्रांस ने भी इसको लेकर नाराजगी जताई है. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि ट्रेड वॉर का माहौल पैदा हो सकता है.

भारत पर इसका ज्यादा असर नहीं होगा. दरअसल भारत के कुल एक्सपोर्ट में अमेरिका की हिस्सेदारी सिर्फ 2 फीसदी है.  हालांकि इस फैसले के बाद भारत में स्टील की सप्लाई बढ़ सकती है. विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि ट्रंप के ऐसा कदम उठाने से पहले जो स्टील अमेर‍िका जा रहा था, वह भारत में भेजा सकता है. ऐसे में भारत एंटी-डंपिंग ड्यूटी पर गौर करना होगा.

ट्रेड वॉर अर्थात कारोबार की लड़ाई दो देशों के बीच होने वाले संरक्षणवाद का नतीजा होता है.  यह स्थ‍िति तब पैदा होती है, जब कोई देश किसी देश से आने वाले सामान पर टैरिफ ड्यूटी बढ़ाता है. इसके जवाब में सामने वाला देश भी इसी तरह ड्यूटी बढ़ाने लगता है. ज्यादातर समय पर दुनिया का कोई भी देश यह कदम तब उठाता है, जब वह अपनी घरेलू इंडस्ट्री और कंपनियों का संरक्षण करने के लिए कदम उठाता है.  इस ट्रेड वॉर का असर धीरे-धीरे पूरी दुनिया पर दिखने लगता है. इसकी वजह से वैश्व‍िक स्तर पर कारोबार को लेकर चिंता का माहौल तैयार हो जाता है.