6 लाख लोगों के ‘मन की बात’ लेकर PMO पहुंचीं स्वाति मालीवाल, पुलिस पर लगाया बदसलूकी का आरोप

खबरें अभी तक। बच्चियों के साथ रेप के खिलाफ पिछले 36 दिनों से आंदोलन कर रहीं दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद ने सनसनीखेज आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस ने विजय चौक पर उनसे बदसलूकी की. स्वाति का आरोप है कि जब वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र सौंपने जा रही थीं, तो पुलिस ने उन्हें रोका और धक्का दिया, जिससे उनके हाथ में काफी चोट आ गई.

बच्चों के साथ रेप करने वाले आरोपियों को फांसी की सजा दिलवाने के लिए स्वाति करीब पांच लाख 55 हजार चिट्ठियों को सौंपने के लिए प्रधानमंत्री से मिलना चाहती थीं. जब दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा का हवाला देकर उनको पीएम मोदी से मिलने से रोका, तो बहस शुरू हो गई. मासूम बच्चियों से रेप करने वालों को छह महीने में फांसी देने की मांग पर अड़ी स्वाती जयहिंद ने कहा कि ये कौन सा लोकतंत्र है, जिसमें प्रधानमंत्री को पत्र देने की आज़ादी नहीं है.

उन्होंने कहा कि पुलिस के रवैये से शारीरिक चोट से ज्यादा उनके मन को ठेस लगी है. लाखों लोगों ने बहुत उम्मीद के साथ पत्रों के रूप में अपने मन की बात प्रधानमंत्री तक भेजी है. ‘रेप रोको अभियान’ कनहर वर्ग और विचारधारा के लोगों ने समर्थन दिया है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और बार एसोसिएशन के अलावा बॉलीवुड हस्तियों  ने भी इस अभियान का समर्थन किया है. इसके समर्थन में उतरने वाली बॉलीवुड हस्तियों में फरहान अख्तर, शंकर महादेवन, कैरालिसा मोंटेरियो, विशाल ददलानी, रघुराम, रणवीर, अनुष्का मनचंदाना, ल्यूक केन्नी  शामिल हैं.

 इसके अतिरिक्त शत्रुघ्न सिन्हा और दूसरे अन्य नेताओं ने भी इस अभियान की मांगों का समर्थन किया. इन मांगों में पुलिस की जवाबदेही, संसाधनों में बढ़ोत्तरी करना और फास्ट ट्रैक कोर्ट की संख्या बढ़ाना शामिल है, जिससे जल्द न्याय मिल सके. दिल्ली महिला आयोग के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से एक दिन पहले स्वाति मालीवाल इन पांच लाख 55 हजार पत्रों को लेकर ‘रेप रोको आन्दोलन’ के कुछ वालंटियर्स के साथ प्रधानमंत्री दफ्तर पहुंचीं. इसकी जानकारी पहले ही PMO को दे दी गई थी और इसके लिए 12 बजे से दो बजे का समय दिया गया था.

दिल्ली महिला आयोग का आरोप है कि स्वाति मालीवाल को विजय चौक पर ही रोक लिया गया और उनके साथ पुलिस ने धक्का-मुक्की की. उनको जमीन पर गिरा दिया, जिसकी वजह से उनके बाएं हाथ में चोट लग गई. फिर दिल्ली पुलिस ने जबरदस्ती उनको बस में चढ़ा लिया और उनको मंदिर मार्ग थाने ले गई, जहां उनको हिरासत में रखा गया. इसके घंटे भर बाद पुलिस ने आयोग की अध्यक्ष और आयोग के सदस्यों को पीएमओ जाने की मंजूरी दी.