इस पर सबका अधिकार,शिक्षा से न रहे कोई वंचित

खबरें अभी तक। कहते हैं कि…जब किसी इंसान को अपनी मंजिल हासिल करनी हो, तो वह न ही समय को देखता है और न ही किसी प्रकार का किसी चीज या वस्तु का लालच होता है। बस उसे तीर के निशाने पर अपना वह लक्ष्य दिखाई देता है। जो उसे किसी भी सूरत में पाना है लेकिन लक्ष्य यदि कुछ इस प्रकार का हो कि जिससे किसी को प्रेरणा मिलती हो या फिर किसी का भला होता हो।

वह लक्ष्य-लक्ष्य नहीं समाजसेवा का रूप ले लेता है परंतु अक्सर लक्ष्य को पाने के लिए काफी दौड़धूप करनी पड़ती है और सफलता फिर भी नहीं मिल पाती। ऐसे बहुत ही कम लोग होते है जो अपनी जिंदगी की डगर पर अकेले सफर करना तय करते हैं और लोगों का साथ मिल जाने से कारवां उनके हाथ लग जाता है।

ऐसी ही कहानी सैक्टर 12 न्यू हाऊसिंग बोर्ड कालोनीवासी महिला सुमनलता की भी है।जिन्होंने शहर के एस.डी. कालेज से अपनी स्नातकोत्तर की परीक्षा पास की और आगे भी पढ़ाई के मुद्दे को परिवार के सामने रखा।

क्योंकि सुमनलता का लक्ष्य पढ़-लिखकर गरीब बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देने का था। परंतु पुराने समय के लोग लड़कियों की पढ़ाई के साथ-साथ जल्द शादी कर देते थे। ऐसा ही कुछ सुमनलता के साथ भी हुआ कि उनकी कक्षा में 17 लड़के और 3 लड़कियां ही थीं जिसमें से एक सुमनलता है।

जिन्होंने स्नातकोत्तर की परीक्षा में प्रथम स्थान पाया था और प्रसन्नी देवी द्वारा उन्हें सम्मानित भी किया था। उन्होंने स्नातकोत्तर से आगे भी पढऩे की इच्छा रखी लेकिन परिवार ने शादी करवा दी। जिसके पश्चात वह आगे नहीं पढ़ पाई परंतु बच्चों को शिक्षा देने का लक्ष्य मन में कहीं न कहीं खटकता रहा जिसे सुमनलता ने 53 वर्ष की उम्र में जाकर पूरा किया और सैक्टर 25 हनुमान चौक स्थित रोड पर बने छोटे से हनुमान मंदिर के बाहर ही झुग्गी-झोंपड़ी में रहने वाले और सरकारी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देना शुरू कर दिया।

इतना ही नहीं उन बच्चों के पास पढऩे के लिए किसी प्रकार की कोई सामग्री भी नहीं होती थी जो कि सुमनलता अपने पास से ही उन बच्चों को मुहैया करवाती थी। बाद में धीरे-धीरे सामाजिक संस्थाओं के लोगों ने बच्चों को सामग्री देनी शुरू कर दी। सुमनलता ने बताया कि 1 अप्रैल को इन बच्चों को शिक्षा देते हुए पूरे 2 वर्ष हो जाएंगे। इतना ही नहीं अपने जीवन में अब तक सुमनलता भीख मांगने वाली 2 लड़कियों की शादी भी करवा चुकी है।