होली: 28 साल बाद बन रहा है शनि का दुर्लभ योग, इन राशियों की होगी बल्ले-बल्ले

खबरें अभी तक। वर्ष 2018 में होलिका दहन का शुभ दिन1 मार्च को रहेगा और 2 मार्च को रंग-बिरंगे रंगों से होली खेली जाएगी।ज्योतिष विद्वानों के अनुसार इस बारहोली खास रहने वाली है क्योंकि 28 साल बाद शनि देवगुरु बृहस्पति की राशिमें स्थित हैं। होली पर पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्ररहेगा, इसके स्वामी शुक्र हैं। शनि धनुराशि में वास करेंगे। 1990 में भी यहीयोग बने थे। इस साल की होली कार्य-व्यवसाय में बड़े मुनाफे के संकेत दे रहीहै। मंद पड़े कारोबार में भी उछाल आनेकी संभावना है। रोजगार के अवसरों मेंवृद्धि होगी।

*जानें आपकी राशि पर क्या पड़ेगाप्रभाव-*

मेष- सुख और खुशियों का आगाजहोगा। यात्रा पर जा सकते हैं।

उपाय- गणपति जी को मिश्री का भोगलगा कर बांट दें।

वृष- घी में रहेंगी पांचों उंगलियां लेकिनअपनों से दूर जाना पड़ सकता है।

उपाय- मां दुर्गा के सामने शुद्ध गाय के घीका दीपक लगाएं।

मिथुन- अच्छे दिनों का होगा आरंभ, बुरेदिनों को भुलने का प्रयास करें।

उपाय- शिवलिंग पर गाय का कच्चा दूधअर्पित करें।

कर्क- समय कुछ बेहतर होगा, संबंधों मेंस्थिति ज्यों की त्यों बनी रहेगी।

उपाय- पवनपुत्र के समक्ष घी का दीपकलगाकर लाल फूल अर्पित करें।

सिंह- तन, मन और धन के लिए समयसामान्य रहेगा।

उपाय- बप्पा को दूर्वा चढ़ाएं।

कन्या- शुभ योगों का आगाज हो रहा हैलेकिन सावधान रहने की आवश्यकताहै।

उपाय- शिव-पार्वती का पूजन श्रेष्ठ फलदेगा।

तुला- समय रहते जरूरी काम पूरे कर लें, बुरा समय आ सकता है लेकिन हौसलेबुलंद रहेंगे।

उपाय- ऊँ नम: शिवाय मंत्र का कम सेकम एक माला जाप करें।

वृश्चिक- भाग्य का मिलेगा साथ, विरोधीहोंगे समाप्त। फिर भी चौकन्ना रहें।

उपाय- गौ माता को अपने हाथों से हराचारा खिलाएं।

धनु- छप्पर फाड़ लाभ के साथ विवादहोंगे शांत। छोटी-मोटी परेशानियों केसाथ बढ़ेगा काम का बोझ।

उपाय- बजरंगबली को सिंदूर और चमेलीका तेल चढ़ाएं।

मकर- समय कुछ अच्छा नहीं है, हर तरहसे विफलताएं और नकारात्मकता हाथलगेगी।

उपाय- प्रतिदिन अपनी सुबह का आरंभश्री राम दरबार के दर्शनों से करें।

कुंभ- समय शुभ है, अच्छे कामों पर खर्चहोगा और यात्राएं करने का मौकामिलेगा।

उपाय- शनिवार की शाम पीपल के पेड़पर घी का दीपदान करें।

मीन- अपने आप पर काबू रखें, गलतफैसला लेने से बचें। अच्छे लोगों सेमुलाकात होगी।

उपाय- हर रोज शिव चालीसा का पाठकरें।