दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए स्कूल में ही बनाए जाएं परीक्षा केंद्र

खबरें अभी तक।  दिव्यांग बच्चों को परीक्षा में आने वाली दिक्कतों को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चल रहे केस की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने अहम आदेश जारी किए हैं। हाई कोर्ट की डिवीजन बैंच ने सी.बी.एस.ई. समेत पंजाब व हरियाणा के शिक्षा विभागों को निर्देश दिए हैं कि दिव्यांग बच्चों के 10वीं व 12वीं के परीक्षा केंद्र स्कूल में ही बनाए जाएं। दिव्यांग बच्चों की समस्याओं को देखते हुए उनके हिसाब से वैकल्पिक प्रश्न पत्र बनाए जाएं। परीक्षा को लेकर अंतिम समय में भी यदि दिव्यांग बच्चों के लिए परीक्षा में किसी प्रकार के बदलाव की जरूरत है तो वह की जाए।

दिव्यांग बच्चों अपने हिसाब से अपना सहायक चुन सकें इसकी मंजूरी दी जाए। पंजाब स्कूल एजुकेशन बोर्ड, हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग समेत सी.बी.एस.ई. दिव्यांग विद्याॢथयों से संबंधित मात्रात्मक डाटा तैयार करें व एक सॉफ्टवेयर में उसे भरें। सॉफ्टवेयर के निर्माण की जिम्मेदारी एन.आई.सी. को दिए जाने की बात कही गई है। दायर याचिका में जीरकपुर की ज्योति सहगल ने केंद्र सरकार, सी.बी.एस.ई. तथा मोहाली के द लॄनग पाथ स्कूल को पार्टी बनाया है। गौरतलब है कि बोर्ड की परीक्षाएं 5 मार्च से शुरू हो रही हैं।

याची पक्ष की ओर से एडवोकेट करण नेहरा ने दलीलें पेश करते हुए कहा कि स्कूलों में कई दिव्यांग बच्चे पढ़ रहे हैं, जिन्हें याची महिला के बच्चे की तरह परीक्षा में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। याचिका में मांग की गई थी कि 24 जनवरी, 2017 व 31 जनवरी, 2017 की नोटीफिकेशन्स को रद्द किया जाए जिन्हें गैर-कानूनी व संविधान के अनुच्छेदों व द राइट्स ऑफ डिसेबल्ड पर्सन्स एक्ट का विरोधाभासी बताया गया है।