अब आलू से दूर होगा मधुमेह, बढ़ेगी रोग प्रतिरोधक क्षमता

खबरें अभी तक। शिमला, यादवेन्द्र शर्मा। आलू को सब्जियों का राजा कहा जाता है। सब्जियों का यह राजा अब रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ मधुमेह को भी दूर करने में सहायक होगा। आलू की नई किस्म में आयरन व जिंक भी होगा।केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान (सीपीआरआइ) शिमला के छह वैज्ञानिक आलू की इस नई किस्म को तैयार करने में जुटे हैं। आलू की नई किस्म आयरन व जिंक से भरपूर होगी और इस संबंध में करीब एक साल से शोध हो रहा है। इस दिशा में वैज्ञानिकों को सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं।

हालांकि आलू की नई किस्म के लिए अभी कुछ इंतजार करना होगा। नई किस्म का आलू सामान्य आलू से भिन्न और हल्का लाल रंग का होगा। देशभर में करीब 40 फीसद बच्चों में आयरन की कमी पाई गई है। यही कारण है ‘आयरन की एक गोली हर रोज’ एक विशेष कार्यक्रम को संचालित किया जा रहा है। बच्चों और विशेषकर युवतियों व महिलाओं में बहुत ज्यादा आयरन की कमी को देखते हुए सीपीआरआइ के वैज्ञानिक आलू की नई किस्म को तैयार कर रहे हैं।

आलू में होगा आयरन व जिंक, सीपीआरआइ शिमला के वैज्ञानिक नई किस्म तैयार करने में जुटे तैयार हो रही किस्म जिंक व आयरन से भरपूर आलू की किस्म को तैयार किया जा रहा है। इस पर शोध हो रहा है। आलू की अभी तक 53 किस्में तैयार कर ली गई हैं। आलू के चिप्स तैयार करने के दौरान जिंक और आयरन को शामिल करने पर भी शोध किया जा रहा है।

 

आलू में अधिक ऊर्जा

100 ग्राम कच्चे आलू में 80 कैलोरी ऊर्जा, सूखे आलू में 321 कैलोरी तथा इतनी ही मात्रा में मक्की में 96 कैलोरी,चावल में 364 कैलोरी, गेहूं में 332 कैलोरी व ज्वार में 342 कैलोरी ऊर्जा होती है।

आयरन व जिंक से लाभ

आयरन रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर खून की कमी को दूर करता है। जिंक ऐसा खनिज पदार्थ है  जिससे  मधुमेह जैसी खतरनाक बीमारी भी ठीक हो सकती है। जिंक रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। जिंक रूसी की समस्या से भी निजात दिलाकर चर्म रोग में राहत देता है। जिंक मेल हार्मोन यानी टेस्टोस्टेरोन लेवल को बढ़ाता है।

छिलके समेत आलू फायदेमंद

अमूमन आलू का छिलका उतारकर ही इसे पकाया जाता है। हालांकि आलू को छिलके समेत पकाना बहुत फायदेमंद होता है। आलू के ज्यादातर पोषक तत्व उसके छिलके के ठीक नीचे होते हैं। ऐसे में गहरा छिलका निकलने पर उसके पोषक तत्व भी निकल जाते हैं।