SBI ने PNB के LoU पर दिये थे 900 करोड़ रुपये, पीएनबी को ही चुकाना होगा पैसा

खबरें अभी तक. देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले को लेकर सरकारी बैंकों के बीच तलवारें खिंचती दिख रही हैं। भारतीय स्टेट बैंक ने स्पष्ट कर दिया है कि बैंक ने नीरव मोदी या उनकी किसी कंपनी को कर्ज नहीं दिया है बल्कि उन्हें यह भुगतान पंजाब नेशनल बैंक के नाम पर किया गया है। इसलिए इसका भुगतान भी पीएनबी को करना होगा। पीएनबी के लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) के विरुद्ध एसबीआइ ने करीब 900 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।

पीएनबी ने यह कहते हुए घोटाले की जिम्मेदारी दूसरे बैकों पर भी डालने की कोशिश की है कि विदेश स्थित उनकी शाखाओं ने भी गड़बड़ी की जानकारी नहीं दी। पीएनबी के एलओयू पर पैसा देने वाले एसबीआइ और अन्य सभी बैंकों का कहना है कि उन्होंने भुगतान पीएनबी की गारंटी पर किया है। इसलिए उसकी जिम्मेदारी बनती है।

एसबीआइ के चेयरमैन रजनीश कुमार ने यहां बैंक के ग्लोबल एनआरआइ सेंटर के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि उन्होंने रिजर्व बैंक से भी स्पष्ट कर दिया है कि वे इस घाटे को नहीं उठाएंगे।

कुमार से जब पूछा गया कि क्या नीरव मोदी की कंपनी या उसके सहयोगियों की कंपनियों को एलओयू जारी करने से जो घाटा हुआ है, उसका असर उनके बैंक पर कितना पड़ेगा तो उनका जवाब था, ‘हमने इस प्रक्रिया में किसी कंपनी को फंड उपलब्ध नहीं कराया है बल्कि पीएनबी को कराया है। इसलिए हमारा कोई उत्तरदायित्व नहीं है।’ माना जाता है कि पीएनबी की दक्षिणी मुंबई स्थित शाखा से विदेश में जिन बैंकों की शाखाओं को एलओयू जारी किये गये, उनमें एसबीआई की शाखा भी शामिल हैं। इसके आधार पर एसबीआइ ने 900 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। वैसे सबसे ज्यादा भुगतान यूनियन बैंक ऑफ इ़ंडिया, इलाहाबाद बैंक और एक्सिस बैंक ने किये हैं। दैनिक जागरण ने यह खबर प्रकाशित की है कि आरबीआइ भी यह मानता है कि घाटे की पूरी भरपाई पीएनबी पर ही होनी चाहिए।

एसबीआइ प्रक्रिया में बदलाव करेगा

वैसे इस घटना को लेकर एसबीआइ भी सतर्क हुआ है। बैंक अपनी प्रक्रिया में कई तरह के बदलाव करने के विकल्पों पर विचार कर रहा है ताकि कुछ कर्मचारी पूरे सिस्टम की आंख में धूल न झोंक सके। एसबीआइ प्रमुख का कहना है कि जब आप पैसे के कारोबार में है तो जोखिम हमेशा रहेगा लेकिन हमारी कोशिश है कि जोखिम को रोकने के उपायों को लगातार बेहतर बनाया जाए। हमारा सिस्टम ऐसा है कि स्विफ्ट के रास्ते अगर विदेशों में भुगतान का आदेश दिया जाता है तो वह हमारे कोर बैंकिंग सिस्टम में भी परिलक्षित हो। पीएनबी में जो हुआ है, वह सभी बैंकों के लिए चेतावनी है। एसबीआइ इस बात का खास तौर पर ख्याल रखता है कि किसी संवेदनशील पद पर एक ही व्यक्ति को तीन वषों से ज्यादा नहीं रखा जाए और इस दौरान उस व्यक्ति की पूरी निगरानी भी की जाती है।

यूनियन बैंक व इलाहाबाद बैंक ने दिये थे 3915 करोड़ रुपये

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने कहा है कि पीएनबी घाटाले में एलओयू के आधार पर उसने 1915 करोड़ रुपये (30 करोड़ डॉलर) का भुगतान किया है। इलाहाबाद बैंक ने भी एलओयू के आधार पर 2000 करोड़ रुपये दिए जाने की बात कही है। यूनियन बैंक ने स्टॉक एक्सचेंजों की जानकारी कि उसकी विदेशी शाखाओं ने यह पैसा दिया। यूनियन बैंक ने एक्सिस बैंक से भी इस तरह के कुछ क्रेडिट एसेट खरीदें हैं। इलाहाबाद बैंक के एक सूत्र ने बताया कि बैंक की हांगकांग शाखा ने पीएनबी के नॉस्त्रो एकाउंट में 2000 हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया है। बैंक ने इस पैसे के लिए दावा कर दिया है।