खबरें अभी तक। एक तरफ देश की रक्षा के लिए जवान सीमा पर शहीद हो रहे हैं, दूसरी तरफ उनकी शहादत पर सियासत हो रही है। हालांकि ऐसा करने वालों को सेना ने करारा जवाब दिया है। स्पष्ट रूप से कहा है कि शहीदों को धर्म के चश्मे से ना देखा जाए, क्योंकि उनका कोई धर्म नहीं होता है। गौरतलब है कि एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सुंजवां आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि शहीद हुए सात जवानों में से पांच मुस्लिम थे।
इस पर आज सेना की उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अनबू ने ओवैसी का नाम लिए बगैर कहा कि हम शहादत को सांप्रदायिक रंग नहीं देते। जो लोग इस तरह के बयान दे रहे हैं, वो सेना को अच्छे से नहीं जानते। लेफ्टिनेंट जनरल देवराज ने यह भी कहा कि दुश्मनों के हौसले पस्त हैं। जब वे सीमा पर नाकाम होते हैं तो कैंप पर हमले करते हैं।
अपने विवादित बयान में ओवैसी ने शहीदों का जिक्र करते हुए कहा था, ‘सात में से पांच लोग जो मारे गए हैं, वे कश्मीरी मुस्लिम हैं। अब इसपर कुछ क्यों नहीं बोला जा रहा है।’ वहीं यह भी कहा था, ‘इससे उन लोगों को सबक लेना चाहिए, जो मुस्लिमों की वफादारी पर शक करते हैं और जो आज भी उन्हें पाकिस्तानी कह रहे हैं।’
ओवैसी ने जम्मू-कश्मीर में सत्तारूढ़ पीडीपी-भाजपा गठबंधन पर भी निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि दोनों मिलकर ड्रामा कर रहे हैं और बैठकर मलाई खा रहे हैं।