हाफिज सईद को आतंकी घोषित करने के पीछे पाक को हो सकता है भारत समेत इनका डर

पाकिस्‍तान ने भारत के मोस्‍ट वॉन्‍टेड आतंकी हाफिज सईद को एक बड़ा झटका देते हुए उसके संगठन जमात-उद-दावा (जेयूडी) को आतंकी संगठन घोषित करने की तरफ एक और कदम आगे बढ़ा दिया है। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि पाकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति ममनून हुसैन ने एक बिल पर हस्‍ताक्षर किए हैं जिसका मकसद यूनाइटेड नेशंस सिक्‍योरिटी काउंसिल (यूएनएससी) की ओर से प्रतिबंधित आतंकी संगठनों जैसे लश्‍कर-ए-तैयबा, अल-कायदा और तालिबान जैसे संगठनों पर लगाम लगाना है।

इसमें हाफिज सईद के संगठन जमात उद दावा का भी नाम शामिल है। अब तक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा आतंकवादी घोषित किए गए व्यक्ति और संगठन पाकिस्तान में स्वत: आतंकी फेहरिस्त में नहीं आते थे। इसी वजह से यूएन की पाबंदियों के बावजूद जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत जैसे हाफिज सईद के संगठन पाकिस्तान में धड़ल्ले से अपना काम कर रहे थे, लेकिन नए संशोधन पर राष्ट्रपति ममनून हुसैन के दस्तखत के बाद अब इन आतंकी संगठनों पर कार्रवाई हो सकेगी।

फ्रांस में होने वाली खास बैठक से पूर्व लिया फैसला

यहां यह भी बताना जरूरी होगा कि पाकिस्‍तान की तरफ से यह कदम फ्रांस की राजधानी पेरिस में होने वाली फाइनेंशियल एक्‍शन टास्‍क फोर्स (एफएटीएफ) की मीटिंग से पहले उठाया गया है। यह टास्‍क फोर्स मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामलों में कई देशों की निगरानी करती है। इसकी बैठक पेरिस में 18-23 फरवरी तक चलेगी। लेकिन इस अहम बैठक से पहले लिए गए इस फैसले को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ऐसा अब क्‍यों, या ये पहले क्‍यों नहीं किया गया। यह सवाल इसलिए खास है क्‍योंकि भारत बार-बार हाफिज सईद को आतंकवादी बताता रहा है। यहां तक की संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में भारत बार-बार उसको वैश्विक आतंकी घोषित करने की मांग करता रहा है, लेकिन भारत की इस मांग पर पाकिस्‍तान चीन की तरफ से इस पर अड़ंगा लगवाता रहा है। पाकिस्‍तान ने हमेशा ही इसमें खुद को साफ बताने की कोशिश की है। माना जा रहा है कि उसका नया कदम इसी टास्‍क फोर्स की आंखों में धूल झोंकने के लिए उठाया गया है।

बिल के राष्‍ट्रपति द्वारा साइन किए जाने के बाद अब सरकार जमात उद दावा से जुड़े सभी बैंक अकाउंट्स को सील कर सकेगी। सरकार के इस कदम से अल कायदा, तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान, लश्कर ए झांगवी, जमात उद दावा, लश्कर-ए-ताइबा, फलाह ए इंसानियत फाउंडेशन और दूसरे अन्य संगठनों पर कार्रवाई की जा सकेगी। पिछले साल दिसंबर में पाकिस्तान ने हाफिज सईद के जमात और फलाह संगठनों को प्रतिबंधित करने के साथ ही बैंक खाते और ऑफिस बंद कर दिए गए थे।