बिना होमवर्क किए शिक्षा विभाग ने भेज दिए ये प्रस्ताव, कैबिनेट ने लौटाए

खबरें अभी तक। राज्य मंत्रिमंडल की धर्मशाला में हुई बैठक में शिक्षा महकमे से जुड़े मामलों को लेकर कोई फैसला नहीं हो सका। बिना होमवर्क किए शिक्षा विभाग को बैठक में प्रस्ताव भेजना महंगा पड़ा। मंत्रिमंडल ने आधी अधूरी तैयारी के साथ भेजे प्रस्ताव लौटा दिए।

बैठक में बिना बजट प्रावधान खुले स्कूल और कॉलेज बंद करने का फैसला नहीं हो सका। अगली कैबिनेट में विस्तृत ब्योरे के साथ महकमे को दोबारा प्रस्ताव लाने के आदेश दिए गए हैं।

प्रदेश में बीते एक साल के दौरान नए खोले गए कॉलेजों और अपग्रेड किए स्कूलों को बंद कर लोगों में नाराजगी बढ़ने की संभावना भी प्रस्ताव टर्न डाउन करने का एक कारण माना जा रहा है।

मंत्रिमंडल बैठक में कांग्रेस सरकार के समय लिए गए कई फैसलों को समीक्षा के लिए ले जाया गया, लेकिन शिक्षा महकमे के प्रस्ताव में पूरे आंकड़े नहीं होने से इन पर फैसला नहीं हो सका।

बताया जा रहा है कि बैठक में बिना बजट प्रावधान अपग्रेड किए गए 127 स्कूलों, अप्रैल 2017 के बाद खुले 16 कॉलेजों, विद्यार्थियों और शिक्षकों की कम संख्या वाले स्कूलों को साथ लगते स्कूलों में मर्ज करने, सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को नए शैक्षणिक सत्र से स्मार्ट वर्दी देने, 97 एजूकेशन ब्लाकाें में म्यूजिक

विषय के प्रवक्ता नियुक्त करने और नर्सरी कक्षाएं शुरू करने के मामले को लेकर चर्चा नहीं हो सकी। अपग्रेड किए गए 127 स्कूलों के प्रस्ताव को लेकर बैठक में पेच फंस गया। इसकी भेंट अन्य सभी प्रस्ताव भी चढ़ गए।

प्रदेश में कंप्यूटर शिक्षकों और जेबीटी की भर्ती पर भी बैठक में फैसला होना संभावित था, लेकिन कोई चर्चा नहीं हुई। संभावना है कि अगली कैबिनेट बैठक में शिक्षा विभाग दोबारा प्रस्ताव भेजेगा।