सितंबर से दौड़ने लगेगी वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से लैस ट्रेन सेट

खबरें अभी तक।लोकसभा में गुरुवार को वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में भारत में बनने वाली वर्ल्ड क्लास नई ट्रेन का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इंटीग्रेटेड कोच फैक्ट्री (ICF) पेरांबुर में हाईटेक सुविधाओं और विशेषताओं से लैस आधुनिक ट्रेन सेट तैयार की जा रही हैं. पहली ट्रेन सेट वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान पटरी पर दौड़ने लगेगी.

 

दरअसल, मेक इन इंडिया के तहत ICF चेन्नई अपनी पूरी प्लानिंग कर चुका है और जल्द ही अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस यूरोपीय स्टैंडर्ड की ट्रेन सेट पटरियों पर नजर आएंगी. मामले में रेलमंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि यह सरकार कोई भी चीज टालती नहीं है. पहले तो एक से शुरुआत होती है और फिर उसको पूरा किया जाता है. उन्होंने कहा, ”मेरा अनुमान है कि जैसे-जैसे हमारी टेक्नोलॉजी पर पकड़ बढ़ती जाएगी, वैसे-वैसे ट्रेन सेट के निर्माण में तेजी आएगी. देश में तकरीबन सौ ट्रेन सेट प्रतिवर्ष की दर से बनाई जाने लगेंगी.

 

इस बारे में जानकारी देते हुए रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने कहा कि ICF चेन्नई अपना पहला ट्रेन सेट जल्द ही तैयार कर लेगा और सितंबर तक इसको पटरियों पर उतार दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि रेलवे के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगी.

 

मालूम हो कि ट्रेन सेट तकनीक के लिए पूरी तैयारी हो चुकी है. इस ट्रेन सेट का डिजाइन तय किया जा चुका है. इस ट्रेन सेट की खासियत यह होती है कि इसमें कोई इंजन नहीं होता है और हर दो डिब्बों के बीच में मोटर लगी होती है, जिससे यह ट्रेन सेट काफी तेज स्पीड से दौड़ती है. इसको काफी तेजी से रोका भी जा सकती है. यह ट्रेन सेमी हाई स्पीड के लिए तैयार की जा रही है और इसकी औसतन रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटा होगी.

 

यह ट्रेन भारतीय रेल में इस समय चलने वाली दूसरी मेल एक्सप्रेस ट्रेनों के मुकाबले वजन में काफी हल्की होगी और इसे दोनों दिशाओं में चलाया जा सकता है. इससे लोकोमोटिव बदलने का झंझट नहीं होता है, जिससे वक्त की भी बचत होती है. आईसीआर चेन्नई में मेक इन इंडिया के तहत तैयार किए जा रहे ट्रेन सेट का नाम ट्रेन-18 रखा गया है. इस ट्रेन सेट में शताब्दी और राजधानी ट्रेन के डिब्बों के मुकाबले बेहतर सुविधाएं होंगी.

 

इस ट्रेन सेट के अंदर का डिजाइन भी अलग होगा और हवाई जहाज की तरह यात्रा का अनुभव मिलेगा. ICF चेन्नई के GM सुधांशु मणि के मुताबिक इस ट्रेन सेट में एक खास टेक्नोलॉजी इस्तेमाल की जा रही है, जिससे जब इसके ब्रेक लगाए जाएंगे, तो इसमें लगे जनरेटर बिजली पैदा करेंगे. इसके बाद यह बिजली वापस ग्रिड में चली जाएग. इस तरह से इस ट्रेन सेट को चलाने में कम बिजली खर्च होगी. ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि मोदी सरकार इन नई नवेली मेक इन इंडिया ट्रेनों को आगामी आम चुनाव के लिए शोकेस की तरह इस्तेमाल करेगी